Sumit lived in a small village in Bihar which was some 20 km away from siwan.
वह रोज सुबह अपने पिताजी के साथ खेतों में जाकर काम करता था लेकिन उसे सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी थी ।
He used to go to the fields daily along with his father and work but he wanted to prepare for the civil services.
घर में पैसों की तंगी थी और इसलिए वह केवल बारहवीं तक ही पढ़ पाया था।
There were financial problems in the house and because of that he was able to study only upto class 12th.
एक दिन उसने यह बात अपनी मां से कही जो एक सामान्य गृहिणी थी ।
One fine day , he told this to his mother who was an ordinary housewife.
सुमित की बात सुनकर उसकी माँ बहुत भावुक हो गई और उन्होंने सोचा कि अपने होनहार बेटे के लिए वह जरूर कुछ उपाय निकलेंगी।
After listening to Sumit, his mother got very emotional and she thought of devising a way for his sincere son.
जब उस दिन सुमित के पिता जी घर आए तो उसकी माँ ने उनसे इस बारे में बात की।
When sumit's father came home that day then he is mother talks to him about this.
पिताजी ने कहा कि बरसात और कीड़ों के कारण इस बार फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है।
Father told that due to rains and pesticides, crops have been severely damaged.
इस कारण इस बार भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और ऐसे समय पर पढ़ाई पर खर्च करना संभव नहीं था ।
Due to this, there has been huge financial loss and it is not feasible to spend on studies.
सुमित की माँ यह बात सुनकर निराश जरूर हुई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी , उन्होंने अचार और पापड़ के गृह उद्योग की शुरुआत की।
Although Sumit's mother got dismayed by listening to this, yet she didn't give up, she opened a pickle and wafers home business.
कुछ ही महीनों में अच्छे खासे पैसे आने लगे और अच्छी बारिश के कारण फसलें भी काफी अच्छी हुई ।
In a few months, a good amount of money started to flow in, and the crops were also good this time due to desired rainfall.
अब सुमित के घर की आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर होने लगी।
Now ,the financial condition of Sumit's house had started improving.
सुमित ने यह सब महसूस किया लेकिन अपने माता-पिता पर बोझ ना डालने के कारण से उसने फिर से पढ़ाई की बात नहीं की।
Sumit realised all of this but to avoid being a liability to his parents he didn't discuss his studies.
एक दिन जब वह सुबह उठा तो उसने देखा कि डाकिया चिट्ठी छोड़ कर गया है, उसे खोलने पर उसने देखा कि उसमें ट्रेन की टिकट और कोचिंग क्लास की जानकारी है।
One day when he wake up in the morning, he saw that The postman had a letter, on opening it he found a train ticket and coaching classes details.
अचानक पीछे से पिताजी ने कंधे पर हाथ रखकर बोला, बेटा, अपनी पढ़ाई पूरी कर और अपना आई० ए० एस० बनने का सपना साकार कर।
Suddenly from behind, his father while keeping his hand on Sumit's shoulders said that complete your studies and fullfil your dream of becoming an I.A.S officer.
सुमित की आंखें नम हो गई और उसने अपने माता-पिता से वादा किया कि वह दिल्ली जाकर उनका नाम रोशन करेगा और वह दिल्ली के लिए रवाना हो गया।
Sumit became emotional and he promised his parents that he will make them proud after going to Delhi and set out for Delhi.
किसी भी छोटे शहर के लड़के के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहर में कदम रखना बहुत ही बड़ी बात है
For any boy hailing from a small town, stepping in a big city like Delhi is a huge thing.
सुमित को इस बात का एहसास शायद ही था कि उसका रास्ता कितना कठिन होने वाला है।
Sumit hardly had any idea about how difficult his path was going to be.
मुखर्जी नगर जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए काफी मशहूर है ,वहां सुमित ने एक मकान किराए पर लिया।
Mukherjee Nagar, the area which is famous for the civil services preparation, Sumit rented a house there.
छोटे से कमरे के उसे 5000 देने पड़े और साथ में हिमांशु नाम के लड़के के साथ वह कमरा साझा भी करना पड़ा।
He had to pay 5000 rupees for such tiny/ small room and along with that share it with a boy named Himanshu.
सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम के 7:00 बजे तक उसकी क्लासेज चलती थी और बीच में मुश्किल से बस खाने का समय मिल पाता था।
Classes used to be held from 8 in the morning to seven in the evening and there was hardly sometime in between for having food.
बाहर का खाना खाने से सुमित की तबीयत कई बार खराब हो जाती थी।
Sumit fell ill several times due to the consumption of outside food.
कई सारी मुश्किलें झेलने के बाद भी सुमित ने अपने लक्ष्य से ध्यान नहीं भटकाया और पढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
Despite facing so many problems, Sumit didn't lose his focus on the aim and didn't leave any stone unturned in his studies.
हिमांशु भी होनहार लड़का था और वह और सुमित मिलकर पढ़ाई किया करते थे।
Himanshu was also a sincere boy and he and Sumit used to study together.
रोज घर से पिताजी का फोन आया तो सुमित उन्हें हौसला देता कि वह अपना और उनका सपना जरूर पूरा करेगा।
Everyday Sumit's father used to call and Sumit gave him hopes that he would full fill his and their dreams as well.
कई बार ऐसा भी होता कि दिनभर पढ़ने के बाद भी सवाल हल नहीं होते, इससे कई बार सुमित निराश होकर बैठ जाता।
Sometimes it used to happen that despite studying all day, he wasn't able to solve any problem, sumit got disheartened by this.
हिमांशु फिर उसे समझाता कि यह जीवन के उतार-चढ़ाव का एक हिस्सा है और इसे हिम्मत के साथ पार करना होगा।
Himanshu then explained to him that these are a part of the ups and downs of life and he has to face it with courage.
कभी-कभी पैसे ज्यादा खर्च हो जाने के कारण सुमित रात का खाना नहीं खाता था ताकि वह अधिक न खर्च कर दे।
Sometimes due to over expenditure, Sumit didn't eat dinner to avoid additional spending.
परीक्षा का समय पास आता जा रहा था और सुमित की घबराहट बढ़ रही थी।
The day of examination was nearing and Sumit's anxiety was increasing.
सुमित के पिताजी ने उसका हौसला बढ़ाया और उसे खूब मेहनत करने की नसीहत दी।
Sumit's father motivated him and advised him to work hard.
सुमित ने उम्मीद नहीं छोड़ी और लगातार कड़ी मेहनत करते रहा ।
Sumit didn't lose hope and worked hard consistently.
आखिर 1 साल के लंबे इंतजार के बाद परीक्षा की घड़ी आ ही गई।
Finally, after a long wait of one year, the time of examination came.
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